Navratri 2025 Date | Navratri Kab Hai 2025 | Chaitra Navratri 2025 Date Time | चैत्र नवरात्रि 2025

Navratri 2025 Date | Navratri Kab Hai 2025 | Chaitra Navratri 2025 Date Time | चैत्र नवरात्रि 2025

दोस्तों 2025 में चैत्र नवरात्रि कब है 29 मार्च या 30 मार्च कलश स्थापना का शुभ
मुहूर्त क्या है आज सभी कंफ्यूजन होगी दूर कहीं गलत तारीख को व्रत मत रख लेना घट

स्थापना का मुहूर्त आज यहीं पर नोट कर लेना नवरात्रि 9 दिन की पड़ेगी या 10 दिन

की या ठ दिन की जानिए सब कुछ इस वीडियो में नवरात्रि व्रत में क्या खाएं क्या
नहीं खाएं फल खाएं या नहीं पानी कैसे पीना है चाय पिए या नहीं नमक कौन सा खाना चाहिए
हमारे चैनल पर 90 लाख सब्सक्राइबर हैं तो गलत जानकारी आपको नहीं मिलेगी सही मुहूर्त

आपको यहीं पर मिलेगा नवरात्रि में जो भी संपूर्ण जानकारी है इसी चैनल पर दी जाती
है आपको कहीं भी जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी संपूर्ण फल संपूर्ण ज्ञान संपूर्ण
शास्त्र का ज्ञान इसी चैनल पर दिया जाता है तो आइए जानते हैं नवरात्रि कब है

मुहूर्त क्या है क्या खाएं क्या ना खाएं तो देख चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं साल
2025 में 30 मार्च से अब देखिए ऐसे में तिथि जान लीजिए पहले की नं फ्यूजन यह है
कि कहीं 29 को तो नहीं है चैत्र नवरात्र कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त मिलेगा कि
नहीं मिलेगा देखिए 30 मार्च को मिलेगा क्योंकि तिथि प्रतिपदा प्रारंभ हो रही है

शाम में 29 मार्च को शाम में 4 बज 27 मिनट पर और प्रतिपदा की तिथि समाप्त होगी 30

मार्च को दोपहर में 12 बज 39 पर 30 तारीख को ही रविवार का दिन है हम
घट स्थापना करेंगे घट स्थापना का शुभ मुहूर्त यहीं पर नोट कर लीजिए चैत्र
नवरात्रों में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6:1 मिनट से सुबह के
10:2 तक है बहुत ही अच्छा समय है अवधि 4 घंटा 8 मिनट की समयावधि है तो इस समय अवधि
में आप घट स्थापना कर सकते हैं इतना समय सौभाग्य से मिलता है आप समय निकालकर घट

स्थापना कर सकते हैं अब कई लोग घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त में करते हैं तो अभिजीत
नोट कर लीजिए दोपहर में देखिए 12:1 से 1250 लगभग 50 मिनट की समय अवधि है तो ये
दो शुभ मुहूर्त हैं घट स्थापना के नोट कर लीजिए किस दिन मां की किस स्वरूप की पूजा
आराधना करेंगे आप जैसा मैंने बताया 30 मार्च को प्रतिपदा की तिथि है तो घट
स्थापना 30 मार्च को ही होगी मां शैल पुत्री स्वरूप की पूजा आराधना 30 मार्च को
करेंगे रविवार का दिन है यह नवरात्रि का दूसरा दिन 31 मार्च को है आज के दिन माता

ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करते हैं सिं धारा दूज मनाई जाती है आज के दिन में आज
ही के दिन में देखिए मां चंद्रघंटा की भी पूजा आराधना हो जाएगी तो एक दिन में दो
माताओं की पूजा आराधना इस बार हो रही है इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025
रविवार से शुरू होंगे और नौ दिनों का यह पावन पर्व 6 अप्रैल 2025 सोमवार को समाप्त
होगा क्योंकि इस बार नवमी और अष्टमी तिथि एक ही दिन पड़ रहे हैं 6 अप्रैल 2025 दिन

रविवार को ही अष्टमी और नवमी दोनों दिन एक साथ पढ रहे हैं आप इसी दिन कन्या पूजन कर
सकते हैं जो लोग सप्तमी को कन्या भोज करते हैं तो वह लोग 5 अप्रैल दिन शनिवार को कर
सकते हैं दोस्तों जो भक्त सच्चे दिल से माता रानी की पूजा आराधना करते हैं और
उनकी भक्ति में लीन हो जाता है तो माता रानी उसकी सच्ची भक्ति से उसकी पुकार अवश्य सुनती है और जो इच्छाएं उसके मन में
होती हैं तो माता रानी उसे वह सब कुछ देती हैं जो उसको चाहिए होता है माता लक्ष्मी
दोनों हाथों से धन की वर्षा करती है मां दुर्गा उसी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाती है
जो नवरात्रों में खास तौर पर माता की सेवा में लग जाता है देखिए माता की सेवा में

आपको बिल्कुल भी कंजूसी नहीं करना है दिल खोलकर माता रानी की सेवा करें जितना हो
सके मां को प्रसन्न करने लग जाए साल भर के इस त्यौहार में माता धरती पर आती है और
उसी पर कृपा दृष्टि बनाती है जो माता को सच्चे हृदय से प्रसन्न करता है उसे रंग से
राजा बनाकर ही जाती है फिर चाहे वह राजा हो या भिखारी मां की नजरों में वह सबसे
बड़ा है जिसकी भक्ति में प्रेम आस्था और मां के प्रति सच्ची लगन हो इसीलिए मां की
भक्ति में आनाकानी ना करें दोस्तों एक बार सच्चे हृदय से कमेंट बॉक्स में लिखें जय
माता दी और हमारे चैनल को स्माइल फैमिलीज को सब्सक्राइब करके बेल आइकन जरूर जरू दबाइए और कमेंट बॉक्स में अपनी राशि भी
डाल दीजिएगा यदि आपकी राशि के अनुसार हमारे पास कोई उपाय होगा तो वह आकर हम
आपके कमेंट में बता देंगे दोस्तों सबसे पहली बात नवरात्रि में हम एक माटी के
प्याले में जौ भरते हैं ताकि हमारे घर में सुख शांति बनी रहे और माता प्रसन्न हो जाए
ज जब हरे भरे होते हैं तो घर में हरियाली आती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती
है जब जौ हरे भरे होते हैं तो समस्त देवी देवता खुशियां मनाते हैं और घर की उन्नति
के लिए कामनाएं करते हैं आशीर्वाद देते हैं हरे भरे जौ में साक्षात माता रानी
अपने नौ स्वरूपों के साथ खेलती है और घर में सुखों की बारिश होती है तथा धन की
बारिश होती है और जिस घर में जौ के अंदर से हरियाली नहीं आती है तो उस घर में पहले
ही पता चल जाता है कि अब आपके घर में गरीबी आने वाली है तथा परेशानियां आने
वाली है क्योंकि आपने पूजा पाठ में कोई ऐसी गलती कर दी होगी जिसके कारण जौ में हरियाली नहीं आ पाई देखिए आपको बता दे
हैरानी वाली बात तो है बिना पानी के माटी में जौ डालते ही उग जाते हैं वो भी बिना देखभाल करें हरियाली उसमें निकल आती है
लेकिन जब हम कलश स्थापना करते हैं और ज बोते हैं तो यह बहुत ही सोचने समझने वाली बात है कि आपकी देखरेख में और जबक आपने
पानी बराबर डाला परिवार ने अच्छे से देखा फिर भी ऐसा होने के बाद जब उसमें जौ ना
निकले तथा हरियाली ना उगे तो समझ ले साक्षात माता रानी आपसे नाराज है क्रोधित
हो चुकी है माता रानी अपनी संतान को सदैव माफ कर देती हैं आप सच्चे हृदय से माता
रानी से माफी मांग ले माता करुणामय है और अपने भक्तों को अपने बेटों को अपने लाल को
वह सदैव माफ करती हैं ज में कम हरियाली आना मतलब घर में धीरे-धीरे खुशियों का वास
होगा और ज्यादा हरियाली आने पर धन की वर्षा होगी तेजी से व्यापार दिन दुगनी रात
चौगुनी बढ़ेगा कई लोग जॉ में डेली पानी डालते हैं जो कि इसमें पानी नहीं डाला
जाता बल्कि पानी का छींटा मारा जाता है इसीलिए जस जाते हैं खराब हो जाते हैं ऐसा
ना करें और इसी कारण हरियाली नहीं आती है ज्यादा पानी डालने से यह खराब हो जाते हैं
दोस्तों जौ जब आपके घर में हरे भरे हो जाए तब इसमें चांदी का सिक्का या एक रुपैया का
सिक्का जरूर डालें सिक्का डालने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और आपके घर में धन
का आगमन होना शुरू हो जाता है दोस्तों नवरात्रि समाप्त होने के बाद हरे भरे जौ
का क्या करें आइए जानते हैं स्माइल फैमिलीज चैनल के माध्यम से
पहली बात तो यह कि इसमें जो आपने एक रुपैया का सिक्का डाला है उसे आप अपने धन
रखने के स्थान पर रख लें इससे धन में बढ़ोतरी होती है दोस्तों और अंत में
नवरात्रि समाप्त होने के बाद इन ज में से थोड़े पत्ते माता रानी के प्रसाद के
स्वरूप में पूरे परिवार को खिलाएं इसके पत्ते खाना बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना
जाता है इसे जो भी खाता है वह जल्दी बीमार नहीं पड़ता और बाकी आप इन ज को गंगा में
विसर्जित कर दें या नदी की धारा में छोड़ दें इससे आपका व्रत संपूर्ण और सफल हो
जाएगा दोस्तों कई लोग अपने घर में अखंड जोत जलाते हैं और जो बाती होती है तथा तेल
बाती उसे कई लोग इधर-उधर फेंक देते हैं या अपने घर में संभाल कर रख लेते हैं या फिर
पानी में डाल देते हैं जो कि इससे आपको कोई फायदा नहीं होता जो अखंड ज्योति होती है उसे आप मामूली ना समझे यह बुझने के बाद
भी जागृत अवस्था में होती है इसमें साक्षात माता दुर्गा का वास होता है यह चैतन्य अवस्था में होती है जागृत होती है
दोस्तों नवरात्रि समाप्त होने के बाद इसके बचे हुए तेल को आप बच्चों की मालिश करने
के लिए रखें और आप भी इससे मालिश करें इससे आपकी सभी बीमारी दूर हो जाएगी और
आपके ऊपर सकारात्मकता का संचार होगा और साथ ही साथ जो अखंड ज्योति की बाती होती
है उसे आप अपने बाजू में बांध ले ऐसा करने से आपको धनी होने से कोई नहीं रोक सकता
बच्चे बड़े सभी बांध सकते हैं इसको बड़ा करने के लिए इसमें आप कलावा बांध सकते हैं
दोस्तों नवरात्रि में जब कलश स्थापना की जाती है तो कलश के नीचे चावल जरूर रखे जाते हैं और कलश के ऊपर एक नारियल भी जरूर
रखा जाता है ऐसे में हम इन दोनों चीजों का क्या करें आइए जानते हैं सबसे पहली बात
कलश के ऊपर जो नारियल होता है उसे आप कन्या पूजन में तोड़कर कन्याओं को बांट दें और आप भी माता रानी के प्रसाद के
स्वरूप में खा लें आप चाहे तो नारियल साबुत ही गंगा में विसर्जित कर दें
दोस्तों और जो कलश के नीचे चावल रखे जाते हैं उसे आप थोड़ी हल्दी में पिला कर के एक
लाल कपड़े में बांधकर अपने धन रखने के स्थान पर रख लें या अपने पर्स में रख सकते हैं इससे तेजी से धन बढ़ता है माता
लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और बाकी चावलों को आप पक्षियों को डाल दें या गंगा में विसर्जित कर दें और जो कलश और जौ होते
हैं उसे आप गंगा में विसर्जित कर दें ऐसा करने से नवरात्रि का संपूर्ण फल प्राप्त होता है और व्रत रखने का फल शीघ्र ही
मिलता है दोस्तों और भूलकर भी यह गलती कभी मत करना गंगा में कचरा आदि धूप बत्ती के
डिब्बे माचिस की डिब्बी भूलकर भी मत डालना सड़े गले फूल गंगा में नहीं डालना चाहिए
इससे उल्टा व्यक्ति नरक में चला जाता है और परिवार में गरीबी का वास हो जाता है
गंगा मैया क्रोधित हो जाती है और श्राप देती है इसीलिए ऐसा घोर पाप कभी मत करना
इसके पीछे एक कथा है जब गंगा मैया भगवान शिव से शिकायत लेकर पहुंची तब भगवान शिव
कहते हैं जो मनुष्य गंगा को मैला करेगा वह कभी पवित्र नहीं कहलाएगा वह हमेशा नरक में
भटकता रहेगा उसे मोक्ष प्राप्त नहीं होगा वह नरक के भातीय इसी पृथ्वी लोक में भ्रमण
करता रहेगा इसीलिए गंगा को मैला नहीं करना चाहिए नहीं तो आपका समस्त पुण्य नष्ट हो
जाएगा आपका पुण्य भूत पिशाच को प्राप्त हो जाएगा दोस्तों अगर आपको माता रानी की
चुनरी उपहार में मिली है जैसे जागरण आदि से या किसी पंडाल से या धार्मिक यात्रा से तो ऐसी माता की चुन्नी बहुत ही शुभ मानी
जाती है इससे आपका वैवाहिक जीवन सफल हो जाता है माता रानी की चुन्नी को आप संभाल
कर रखें इसे आप करवा चौथ पर बट सावित्री व्रत आदि में या किसी पर्व पर त्यौहार में अवश्य
पहने इसमें माता रानी का आशीर्वाद होता है जो आपको प्राप्त हुआ है ऐसी चुनरी सदैव
संभाल कर रखें क्योंकि माता की चुनरी जागृत अवस्था में होती है इसे मामूली ना
समझे नवरात्रों में चाहे कुछ भी कर लेना लेकिन यह कार्य जरूर करना बिन पूजा पाठ के
ही सारा फल मिल जाता है आप चाहे कुछ करें या ना करें लेकिन नवरात्रों में यह एक काम
जरूर कर लेना मैं माता रानी की सौगंध खाता हूं माता लक्ष्मी खुद आपके घर में चलकर आएंगे आगे
आपकी मर्जी दोस्तों नवरात्रि में बिना व्रत बिना पाठ के आपको संपूर्ण नवरात्रि
का फल मिल जाएगा यह वीडियो ध्यान से देखना अगर आपने व्रत नहीं रखा है कोई बात नहीं
आपको परेशान नहीं होना है क्योंकि कभी-कभी हम काम के चलते या फिर ऑन फिस वर्क होता
है या कभी-कभी कुछ ऐसे हम कामों में फंस जाते हैं जिसके कारण हम माता रानी के नवरात्रों में उनको टाइम नहीं दे पाते तो
आपको परेशान नहीं होना अगर आपने व्रत नहीं रखा है कोई बात नहीं पूजा नहीं कर रहे हैं
नवरात्रि में कोई बात नहीं दोस्तों बस यह एक काम आपको कर लेना है नवरात्रि में
जितने भी लोग पूजा पाठ करते हैं उससे भी आपको अधिक बढ़ कर के फल प्राप्त होगा तो यह वीडियो ध्यान से देखना आज की जो मैं
वीडियो बताऊंगा बहुत ही सुंदर है ज्ञानवर्धक जानकारी है इस प्रकार की जानकारी आप लाखों रुपए खर्च करेंगे फिर भी
कोई नहीं बताने वाला हमारे चैनल का मकसद है जनहित एवं जन कल्याण करना इसलिए आप
लोगों को इस प्रकार की अच्छी-अच्छी जानकारी सिखाते हैं तो आइए इस वीडियो में जानते हैं नवरात्रि में ऐसा कौन सा कार्य
करने से बिना व्रत बिना पूजा या फिर बिना कन्या भोजन के सारे फल की प्राप्ति हो जाती है केवल सच्चे मन से अगर नवरात्रि के
समय में कोई भी व्यक्ति पूरे मन के साथ पूरे विश्वास के साथ सच्ची लगन आस्था के
साथ अगर दुर्गा सप्त शती में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्रोत का पाठ कर लेता है तो
संपूर्ण दुर्गा पाठ का फल उन्हें प्राप्त हो जाता है जो भी आप व्रत रखते हैं माता रानी के लिए आप चाहते हैं कि माता रानी का
आपके ऊपर आशीर्वाद प्राप्त हो माता रानी की कृपा मिले आपकी कोई अधूरी मनोकामना है
वह चाहते हैं आपकी अधूरी मनोकामना पूर्ण हो जाए सरकारी नौकरी हेतु पितृ दोष राहु
दोष मंगल दोष कर्ज दोष शनि दोष कर्ज का दोष गरीबों का दोष मात्र पल भर में दूर होगा तो अगर आपने नवरात्रि का व्रत रखा है
तो वह सारे फल अगर आप चाहते हैं और उसका हजार गुना फल प्राप्त हो जाए तो नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर
करना और जो लोग नवरात्रि का नहीं रखे हैं किसी कारण वर्ष उन्हें टाइम नहीं मिल पाया
है ऐसे व्यक्ति दुर्गा सप्तशती में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्रोत का पाठ जरूर करना
पूर्ण रूप से आपको नवदुर्गा माता का पूजा पाठ करने से नवदुर्गा के नौ दिन व्रत करने
से कन्या भोजन कराने से जो फल प्राप्त होता है दोस्तों केवल इस पाठ को सच्चे मन से अगर एक दिन अगर आप जो है नवरात्रि के
दिन एक दिन बस केवल आप जो है बैठ कर के झप लेते हैं तो पूर्ण रूप से आपको फल प्राप्त
हो जाता है मैं आप लोगों को बताना चाहूं होगा जो लोग समर्थन है ऐसे लोगों को कन्या
पूजन भी जरूर करना चाहिए मैं कल की भी वीडियो में बताया हूं अब कन्या पूजन का बेनिफिट क्या है तो माता रानी स्कंद पुराण
में भी लिखा है और कई सारे हमारे जो है देवी पुराण में भी इसका वर्णन मिलता है माता रानी जितना पूजा पाठ से प्रसन्न होती
हैं उतना ज्यादा कन्या भोजन कराने से हो जाती हैं क्योंकि कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है और जो कन्या होती है
नवरात्रि के समय में यह साक्षात नव दुर्गा का स्वरूप हो जाती है मैं कन्या पूजन के
बारे में विस्तार से वीडियो के अंत में बताऊंगा तो वीडियो में कंटिन्यू बने रहना
कन्या पूजन कैसे करना है और क्या मुहूर्त है सब बताऊंगा दोस्तों दूसरी जानकारी बता
रहा हूं यह जानकारी आपकी जिंदगी में बाहर लाएगी आपके जीवन में चल रही परेशानी को दूर करेगी क्योंकि हम आप लोगों को बहुत
सरल सरल साधारण से विधि बताते हैं जिसमें आप सभी दर्शकों का कल्याण छुपा होता है तो
नवरात्रि के दौरान आपको एक पुष्प का पौधा जरूर लगाना है मैं इसका फायदा भी बताऊंगा कौन-कौन से पुष्प लगाने चाहिए हमारे धर्म
शास्त्रों के अनुसार कहा गया है दोस्तों अगर कोई व्यक्ति मंदिर के किनारे में मदार का पौधा लगा दे ध्यान से सुनिए जो सफेद
कलर का मदार का पौधा होता है किसी भी मंदिर के किनारे में लगा देते हैं यह पुष्प वहां पर उपस्थित जो देवी देवता है
मंदिर में जो रहने वाले जो देवी देवता हैं जैसे शिव मंदिर है शिव मंदिर में मदार का
पौधा लगाते हैं तो इसका एक पुष्प अगर कोई भी व्यक्ति रख कर के चढ़ा दें शिव मंदिर
में जाकर के तो आपको एक स्वर्ण दान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है तो मदार का पौधा लगाने से इसमें जो फूल खिलेंगे वह
जाकर के देवी देवताओं को चढ़ाए जाएंगे तो उसका आपको जो है पुण्य की प्राप्ति होगी जो व्यक्ति चढ़ा रहा है उसको आधा फल
मिलेगा और आधा फल आपको प्राप्त होना शुरू हो जाएगा तो मदार का पौधा अगर कोई भी
व्यक्ति नवरात्रि के समय में किसी भी शिव मंदिर है माता रानी का मंदिर है उनके समीप
में जाकर के लगाता है तो अक्षत पुण्य की प्राप्ति होती है ना इसमें आपको व्रत करना है ना पू पाठ करने की जरूरत है बस आप जो
है कोई भी फूलों का पौधा लगा सकते हैं इस श्रेणी में आते हैं जैसे मदार का पौधा सदा
बहार का पौधा सदा बहार हमेशा हरियाली रहता है और यह हमेशा फूलते हैं ऐसे फूल का आपको
चयन करना है जो हमेशा फूलते रहे जिसमें फल फूल आते रहे तीसरे नंबर पर आता है कनेर का
पौधा जो कनेर का पौधा है यह देवी मां का श्रृंगार कहा गया है कनेर के पौधे से अगर कोई भी व्यक्ति कनेर का पौधा सफेद कलर का
अगर कनेर है तो फिर इसे अति उत्तम माना जाता है कनेर के पौधे को पार्वती का स्वरूप कहा गया है धर्मशास्त्रों में तो
कनेर का पौधा चढ़ाने से माता रानी बहुत प्रसन्न होती हैं और गोदान के बराबर हमें फल की प्राप्ति होती है आप चाहते हो तो
गुड़हल का पौधा लगा सकते हैं दोस्तों मंदिर के किनारे में देवी मंदिर के किनारे में अगर कोई भी व्यक्ति गुड़हल का फूल का
पौधा लगता है तो हमारे धर्मशास्त्रों में ऐसा कहा गया है गुड़हल के वृक्ष पर साक्षात मां जगदंबा का वास होता है जी हां
यह मैं कोई हवा में हवाई बात नहीं कर रहा हूं प्रमाणित बात कर रहा हूं धर्मशास्त्रों में भी लिखा है आप माता
रानी को 5 भोग लगाएं या ना लगाएं कोई श्रृंगार का सामान चढ़ाएं या ना चढ़ाएं
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति नवरात्रि के समय में गुड़हल का पुष्प माता रानी को सच्चे मन से अगर माला
पिरो करके 21 की संख्या में 11 की संख्या में चढ़ा दी जाए तो उस व्यक्ति की वह
मनोकामना पूर्ण होने से साक्षात ब्रह्मा भी नहीं रोक पाते हैं गुड़हल का फूल माता
रानी को चढ़ा ने से नवरात्रि में आपने पूजा पाठ व्रत रखे हैं पूजा पाठ कर रहे
हैं कोई बात नहीं अगर आप व्रत नहीं कर पा रहे हैं पूजा पाठ में टाइम नहीं दे पा रहे हैं तो गुड़हल का फूल माता रानी को
नवरात्रि के किसी भी दिन एक दिन 21 माला पिरो करके माला बना कर के माता को चढ़ा देना संपूर्ण व्रत का फल मिल जाएगा आपने
नवरात्रि का व्रत रखा हो या ना रखा हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता बस गुड़हल का फूल माता रानी को चढ़ा देना तो ऐसा कहा
गया है कोई व्यक्ति अपने जीवन काल में अगर नवरात्रि के समय में गुड़हल का पौधा लगा देता और इस पौधे में फूल आना शुरू हो जाते
हैं और यह फूल अगर देवी देवताओं को चढ़ना शुरू हो जाते हैं तो माता रानी आजीवन आपकी
बिल्कुल ही मदद करेंगी आपके ऊपर अपनी कृपा बरसाए गी आपको अपना पूर्ण आशीर्वाद देंगी
और जब तक आप इस संसार में जिएंगे कभी भी निर्धन नहीं रहेंगे ऐसे में आप अष्टमी और
नवमी को इन दोनों तिथिया में कन्या पूजन अवश्य ही करें कन्याओं को भोजन अवश्य
खिलाएं शास्त्रों में नौ दिनों के नवरात्रि को बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना
जाता है और वहीं आठ दिनों के नवरात्रि को अच्छा नहीं माना जाता ऐसे में 10 दिनों के
नवरात्रि बहुत ही शुभ माने गए हैं शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के दिनों
में माता रानी का पूजन करने से कन्या पूजन करने से मां अभय वरदान प्रदान करती हैं
कुंडली में जो कष्ट होते हैं उन्हें ठीक कर देती है श्रीधर की तरह ही सच्चे हृदय
वाले व्यक्ति के सभी कष्टों का निवारण मां शीघ्र ही करती है मां की उपासना से
विनम्रता का विकास होता है सभी कष्ट दरिद्रता दुख कष्ट नष्ट हो जाते हैं
नवरात्रि में माता रानी का व्रत और पूजन किया जाता है लेकिन नवरात्रि के दौरान सबसे ज्यादा महत्व होता है कन्या पूजन का
दोस्तों कन्या राणी जो होती हैं फूल की पंखुड़ियों की तरह नाजुक होती हैं कन्या
पूजन सर्वप्रिय है श्रेष्ठ है कन्या के रूप में स्वयं जगदंबा देवी माता वैष्णो नौ
देवियां अर्थात समस्त ब्रह्मांड इनके शरीर के कण कण में वास करते हैं बहुत कम लोग
जानते हैं 33 कोटि देवी देवताओं का वास हो है कन्याओं के मस्तक पर कन्या चाहे छोटी
हो चाहे बड़ी हो वह सदैव पूजनीय है मां के समान मानी जाती है दोस्तों माना जाता है
व्रत और उपासना से माता रानी इतना प्रसन्न नहीं होती है जितना कि कन्या पूजन से होती
है नवरात्रि में छोटी-छोटी कन्याओं को माता रानी का स्वरूप माना जाता है कन्याओं
को भोग लगाया जाता है उन्हें प्रसन्न किया जाता है और बदले में आशीर्वाद मांगा जाता
है कन्याओं को प्रसन्न करने के लिए गिफ्ट आदि उपहार हार वगैरह दिए जाते हैं माना
जाता है अगर कन्याओं को कोई भेंट दी जाए और वह उसे खुशी-खुशी स्वीकार कर ले तो
इसका मतलब है माता रानी अर्थात माता वैष्णव ने वोह भेंट स्वीकार कर ली जिन पर कन्याएं प्रसन्न होती हैं तो समझो उन्हें
माता रानी का आशीर्वाद मिल गया और माता रानी की कृपा से उन्हें मुंह मांगा वरदान प्राप्त होता है कन्या पूजन कोई मामूली
पूजन नहीं होता समस्त ब्रह्मांड में जो पूजा होती है उनसे बढ़कर कन्या पूजन को माना जाता है 10 बार गंगा स्नान करने से
और 100 बार यज्ञ करने से तथा हजार बार यात्रा करने से जो पुण्य मिलता है वह
मात्र एक बार कन्या पूजन करने से करोड़ों गुणा भक्त को मिल जाता है प्राप्त हो जाता
है दोस्तों इसीलिए कहा जाता है कि कन्याओं को सताना नहीं चाहिए इससे समस्त ब्रह्मांड
हिल जाता है कन्याओं की जितनी सेवा की जाए कम ही होती है कन्याएं कोई मामूली नहीं
होती कन्या के रूप में स्वयं उनके मस्तक पर विराजमान होकर स्वयं देवी चलकर आपके घर
तक आती हैं नवरात्रि में दो साल से लेकर 10 साल तक की कन्या का पूजन होना चाहिए
अष्टमी अथवा नवमी को कन्याओं के पैर धोकर भोजन कराना उपहार आदि देना श्रेष्ठ माना
जाता है दुर्लभ माना जाता है ऐसा मौका कभी हाथों से नहीं जाने देना चाहिए इस दिन
जितना ज्यादा हो सके कन्याओं को हाथ पकड़कर पैर पकड़कर अपने घर तक लेकर आएं
दोस्तों वीडियो में आगे बढ़ने से पहले आप अपनी राशि भी कमेंट बॉक्स में जरूर डाल दीजिएगा यदि हमारे पास कोई उपाय होगा तो
वह आकर हम आपके कमेंट के रिप्लाई में बता देंगे कोई भी राशि के अनुसार अगर उपाय करता है तो माता वैष्णव बड़ी प्रसन्न होती
है और ऐश्वर्य धन प्रदान करती है मालामाल बना देती हैं इसीलिए राशि कमेंट में जरूर
छोड़ें और हां माता को एक लाइक जरूर करें लाइक करने में कंजूसी ना करें दोस्तों
कैसे करें कन्याओं का स्वागत कन्या जब आपके घर आए तब सभी के पैरों को दूध और
पानी से उनके पैरों को धुला चाहिए खासकर मर्दों को कन्याओं के पर आवश्यक धोने चाहिए इससे मैया वैष्णव प्रसन्न होती हैं
दोस्तों फिर उसके बाद कन्याओं को किसी साफ जगह पर जमीन पर कपड़ा बिछाकर बैठाना चाहिए
उनके माथे पर अक्षत फूल और कुमकुम लगाना चाहिए फिर उसके बाद भोजन ग्रहण करवाना
चाहिए लेकिन हमेशा याद रहे कन्याओं की थाली में तीन पूरियां कभी ना रखें इसे शुभ
नहीं घोर अशुभ माना जाता है तीन पूरियां तथा तीन रोटियां मरने वाले व्यक्ति के लिए निकाली जाती हैं और जेल में कैदियों के
लिए दी जाती हैं ऐसे में कन्याओं को उनकी थाली में तीन पूरी कभी ना दें लेकिन एक दो
करके पूरियां दे स ते हैं इससे तीन संख्या बट जाती है और दोष भी नहीं लगता दोस्तों
कन्याओं को खाना खिलाने के बाद अंतिम में कन्याओं के सर पर लाल चुनरी उड़ाना चाहिए
और भोजन में आपको खीर पूरी हलवा चना तथा आलू की सब्जी छोले वगैरह की सब्जी खिलानी
चाहिए पनीर आदि भी खिलाया जा सकता है वैसे माता रानी का प्रिय भोजन खीर हलवा पूरी और
छोले आदि ही है लेकिन भूल से भी लहसुन और प्याज का इस्तेमाल कभी ना करें अन्यथा अनर्थ हो जाएगा अक्सर कई लोग कन्याओं को
कुर कुरे का पैकेट चिप्स वगैरा का पैकेट खिलते हैं जो कि घोर अनर्थ माना जाता है क्योंकि इसमें लहसुन प्याज का इस्तेमाल
होता है जिसके कारण आपका व्रत खंडित हो सकता है मां दुर्गा क्रोधित हो सकती हैं
जहां आपने नौ दिनों तक लहसुन प्याज का परहेज किया लेकिन आपकी एक गलती पूरे व्रत को खंडित कर सकती है इतना भी नादान नहीं
बनना चाहिए कि माता रानी रूस्ट हो जाए और कन्याओं को भी अशुद्ध होना पड़े कन्याओं
को डब्बा बंद कोई भी ऐसी चीज ना खिलाएं जिसमें लहसुन प्याज होता है कई चीज तो ऐसी
होती है मार्केट में जिसके अंदर लहसुन प्याज का इस्तेमाल होता है ऐसा आप कभी मत करना दोस्तों कई लोग कन्या पूजन में खाना
घर पर नहीं बनाते और मार्केट से रेडीमेड लाकर ही खिलते हैं तथा दही जलेबी खिलाते हैं जो कि शुभ नहीं माना जाता दोस्तों ऐसा
खाना वो लोग खिलाते हैं जिनके घर में मान लीजिए कोई दुर्घटना आदि हो गई है या घर में कोई बीमार है या कोई मुसीबत है तब वह
ऐसा करते हैं लेकिन अगर आप स्वस्थ हैं आपको कोई पीड़ा नहीं है तो ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए माता रानी दही जलेबी नहीं
आपके हाथों का बना भोजन खाना चाहती है आपका प्यार चाहती है फिर चाहे आप घर में
एक ही पूरी क्यों ना बनाए माता के लिए पर आप स्वयं ही अपने हाथों से माता रानी को भोजन खिलाएं देखिए भले ही आप दही जलेबी
खिला सकते हैं परंतु माता को घर का बना हुआ शुद्ध भोजन ही अति प्रिय है खासकर
नवरात्रों के दौरान घर में पक्का खाना अवश्य बनाना चाहिए माता रानी बहुत प्रसन्न
होती है घर का बना पक्का खाना ही कन्याओं को खिलाना चाहिए हमेशा याद रखें कन्याओं
को प्लास्टिक के बने दोने में खाना नहीं खिलाना चाहिए ऐसे बर्तन पूजा पाठ के लिए शुभ नहीं अशुभ होते हैं क्योंकि प्लास्टिक
के ज्यादातर बर्तन जो होते हैं जानवरों की हड्डियों द्वारा बनाए जाते हैं इसीलिए ऐसा पाप मत करना कन्याओं को हमेशा स्टील के
बर्तन या पत्तों से बने बर्तनों में ही भोजन कराना चाहिए बहुत ही शुभ माना गया है
अगर पेड़ के पत्ते में भोजन कराते हैं तो माता अभय वरदान प्रदान करती है दोस्तों एक
और बात हम आपको बताने वाले हैं कि यदि नवरात्रों के समाप्त होने के बाद यदि बीच
में कन्या पूजन में शुक्रवार का दिन पड़ जाए तो कन्याओं को कोई भी खट्टी चीज नहीं
खिलाना चाहिए क्योंकि शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित होता है और माता
संतोषी नवरात्रों के दिनों में सक्रिय अवस्था में होती है यानी वह भी नौ देवियों
के साथ में आपके घर में आती हैं इसीलिए कन्याओं को भूलकर भी शुक्रवार का दिन अगर
पड़ जाए तो खट्टी चीज घर में नहीं बनाना चाहिए और कन्याओं को भी खट्टी चीज नहीं
खिलाना चाहिए घोर पाप लगेगा आपका किया कराया सब बर्बाद हो सकता है खट्टी चीजों
से माता संतोषी रूस्ट हो सकती हैं चिड़क हैं आपको श्राप दे सकती हैं इसीलिए नादान
ना बने दोस्तों भोजन कराने के बाद कन्याओं की थाली में एक लौंग जरूर रखना चाहिए
क्योंकि लौंग देवी शक्ति तथा दुर्गा मां को बहुत प्रिय है लौंग माता शक्ति का
प्रतीक होती है लौंग में नवदुर्गा का वास होता है इन नौ दिनों में माता रानी को
लौंग का भोग ही लगाया जाता है तो खाना खाने के बाद कन्याओं को लौंग अवश्य अर्पित
करें माता रानी को अमृत से बढ़कर लौंग प्रिय है इसीलिए कन्याओं को थाली में
चुपचाप एक लौंग जरूर रख दें आपका भाग्य चमक जाएगा माता लक्ष्मी आपके जीवन में धन
की कोई भी कमी नहीं होने देंगी दोस्तों आपको बता दें कन्याओं को उपहार में क्या
दें कन्याओं को खुश करने के लिए उनकी थाली में दक्षिणा डालें ताकि आपके घर में संपन्नता बनी रहे तथा धन की कोई भी कमी ना
हो कन्या जब आपके घर से खुशी-खुशी धन लेकर जाती है तो वह भी आपको खुशी-खुशी कई गुना
आपको धन प्रदान करती है इस समय कंजूसी मत करना खुशी-खुशी कन्याओं को धन अवश्य देना
कन्याओं को कोई सुंदर गिफ्ट दे सकते हैं शास्त्रों में बताया जाता है कि कन्या जितना खुश होती है माता रानी उतना ही जल्द
फल की प्राप्ति प्रदान करती है ऐसे में आप कन्याओं को चॉकलेट बॉक्स दे सकते हैं तथा
खूबसूरत कपड़े दे सकते हैं याद रहे काले कपड़े ना दें और स्टील के बर्तन भी गिफ्ट
के तौर पर दे सकते हैं याद रहे कि कन्याओं को लो का कोई भी समान नहीं देना चाहिए
नहीं तो राहु केतु का प्रभाव आपके जीवन में प्रवेश कर जाएगा राहु काल तथा राहु दोष आपको लग जाएगा आप बर्बाद भी हो सकते
हैं दोस्तों जब कन्या अपने घर के लिए प्रस्थान करें तो उनके चरण जरूर छू ले और
अपने मन में अपनी प्रार्थना को पूरा करें सच्चे दिल से मांगी हुई मुराद माता रानी
अवश्य ही पूरी करती है सच्चे दिल का मतलब होता है मन में कोई भी लालच ना हो और अगर
वह लालच माता को पाने के लिए बन जाए तो उसे बोलते हैं सच्ची श्रद्धा और सच्ची भक्ति ऐसी भक्ति के आगे स्वयं 33 कोटि
देवी देवता आपको नमस्कार करते हैं दोस्तों नवरात्रों के दिनों में अगर मिल जाए आपको
यह संकेत तो समझो मां दुर्गा आपके घर में आ चुकी है यह संकेत बताते हैं मां दुर्गा
का आशीर्वाद आपको प्राप्त होने वाला है तो आइए शुरू करते हैं दोस्तों पहला संकेत जब
आप कलश स्थापना करते हैं तो जौ से निकली हरियाली बहुत ही शुभ मानी गई है कहा जाता
है कि जौ से निकली हरियाली हमारे भविष्य में होने वाले अच्छे और बुरे होने का स संकेत देती है यह सभी बातें हमारे आने
वाले साल का भविष्य बताती हैं यदि आपने जॉ बोए हैं और वह किसी कारण वश नहीं हो पाए
हैं तो यह संकेत बड़ा ही मनहूस माना गया है कहा जाता है कि नवरात्रों में जौ अगर
सूख जाते हैं या बढ़ते नहीं हैं तो आपको समझ लेना चाहिए कि यह साल आपका खराब होने
वाला है तथा घर में कोई बीमारी आने वाली है या दिन दुगनी रात चौगुनी आपकी कम होने
वाली है या घटने वाली है दोस्तों यह धन हानि का संकेत माना गया है क्योंकि आपने
कोई ना कोई गलती ऐसी कर दी होगी जिसके कारण माता रानी नाराज हो गई हैं इसीलिए
माता से आप क्षमा अवश्य मांग ले मां अपने भक्तों को अवश्य माफ करती है एक मां ही
होती है जो अपने बेटे को अपने लाल को हर गलती पर माफ करती है लेकिन ऐसा बेटा किस
काम का जो मां से माफी ना मांगे इसीलिए माता रानी से अपनी गलती की माफी अवश्य
मांग ले मैया वैष्णो अपने भक्तों को कभी निराश ही नहीं करती बल्कि उन्हें धन धान्य
से और खुशियों से परिपूर्ण बना देती है और दोस्तों यदि जौ हरे भरे हो जाते हैं तो यह
शुभ संकेत होता है इससे आने वाले समय में आपको बहुत ज्यादा ही धन लाभ होगा माना
जाता है कि एक रुपए का सिक्का या चांदी का कोई भी सिक्का जौ के बीचोंबीच में अगर मिट्टी में दबा दिया जाए तो घर में सुख
समृद्धि आती है माता लक्ष्मी दौड़ी-दौड़ी चली आती है ज के अंदर हमेशा एक रुपए का सिक्का अवश्य डालना चाहिए जौ को खाली नहीं
रखना चाहिए उसमें धन वगैरह अवश्य डालना चाहिए इससे माता का आशीर्वाद
सदैव परिवार पर बना रहता है और जीवन में कोई भी संकट नहीं आता खाली जॉ मतलब धन भी
खाली खुशियां भी खाली ही मिलेंगी दोस्तों नंबर दो यदि आपकी नींद नवरात्रों के दौरान
सुबह 4:00 बजे के आसपास खुलती है तो इसे बड़ा ही शुभ संकेत माना जाता है क्योंकि
यह समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है इस समय देवी शक्ति अपने सच्चे भक्तों को ही जागती
है इस समय उठाना मतलब माता की कृपा प्राप्त करने के बराबर माना गया है यह
संकेत बताते हैं कि माता सच्ची भक्ति का प्रभाव आपके ऊपर हो चुका है और माता रानी
आपको जल्दी ही कोई खुशखबरी देने वाली है मां आपकी सच्ची भक्ति से बहुत खुश हैं
दोस्तों नंबर तीन यदि नवरात्रि में आपका मन प्रसन्न होने लगे पूजा पाठ में आपका मन
लगने लगे पूजा करते समय मन का शांत होना यह दर्शाता है कि आपको बहुत जल्द मां की
कृपा प्राप्त होने वाली है माता रानी आपकी भक्ति से बहुत खुश है आपकी भक्ति माता
रानी को आनंद दे रही है ऐसे व्यक्ति को को समझ जाना चाहिए कि उसके जीवन में अब अच्छा समय आने वाला है दोस्तों नंबर चार
नवरात्रों के दौरान अगर मां के गले से फूल गिर जाए तथा जौ के हरे भरे पत्ते अगर बिन
हवा के हिल जाएं तो इसे अति उत्तम माना गया है यह संकेत बताता है कि माता रानी का
आगमन आपके घर में अस्थाई रूप से हो चुका है आपको माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होने वाली है यह संकेत कुछ खास लोगों को
ही दिखाई देते हैं माना जाता है कि पूजा करते समय अगर धुआं अधिक बढ़ जाए तो इससे
यह पता चलता है कि आपके घर से गरीबी हमेशा हमेशा के लिए जाने वाली है भूत प्रेत
आत्माएं अब आपके घर से हमेशा के लिए जाने वाले हैं पूजा करते समय धुएं का अधिक होना
बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है यह संकेत भविष्य में अच्छे परिणाम को दर्शाते
हैं दोस्तों नंबर पांच द्वार पर गाय का आना वेदों में बताया जाता है कि नवरात्रि
के दौरान गाय माता का घर में आना बड़ा ही शुभ संकेत माना गया है नवरात्रि में द्वार
पर गाय का आना अत्यंत शुभ है यदि आपके भी द्वार पर गाय आती है तो गाय के माथे पर
कुमकुम लगाना ना भूले तथा गाय को रोटी जरूर खिलाएं इससे मां दुर्गा अत्यंत
प्रसन्न होंगी और आपकी झोली खुशियों से भर देंगी द्वार पर गाय का बार-बार आना भी
जीवन में आने वाले अच्छे संकेतों की ओर इशारा करता है दोस्तों नंबर छह सपने में
शेर का दिखाई देना अगर आपके सपनों में मां दुर्गा दिखाई देती है अर्थात कोई भी देवी
अगर आपके सपनों में दिखाई देती है तो बड़ा ही शुभ माना गया है नवरात्रों के पावन
अवसर पर माता के दर्शन किसी खास भक्तों को ही होते हैं यह सपने कभी किसी को शेयर मत
करना यदि माता की सवारी तथा शेर रात्रि में सपने में बार-बार दिखाई देता है तो
मां दुर्गा आपसे प्रसन्न है यह संकेत बताते हैं कि जल्द ही आपकी कोई मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी और आपके शत्रुओं का नाश
हो जाएगा शत्रु आपके नाम से ही थरथर कांपने लगेगा मां दुर्गा का वाहन शेर है
इसीलिए नवरात्रि में शेर का दिखाई देना अत्यंत शुभ संकेत होता है दोस्तों नंबर
सात यदि कोई छोटी कन्या आपको सुबह-सुबह लाल वस्त्र धारण किए हुए दिखाई देती है तो
आपने साक्षात मान दुर्गा के दर्शन किए हैं यदि नवरात्रों में सबसे पहले आपके घर में कन्याओं का आगमन हो जाए तो समझो आपको
दुनिया की कोई भी शक्ति ब्रह्मांड की कोई भी शक्ति आपको करोड़पति होने से नहीं रोक
सकती आपके जीवन में आपके घर में माता लक्ष्मी का आगमन होने वाला है आप दिन
दुगनी रात चौगुनी तरक्की करेंगे अब आप खुशियां मनाइए और मिठाइयां बांटे ऐसे में
कन्याओं को भर पूर तरीके से खुश रखें और उनका आगमन दूध से चरण धुला करर करें कोई
भी कंजूसी ना करें दोस्तों माता रानी आपको यह संकेत दे रही है कि अब आपका बुरा समय
समाप्त हो चुका है अब जीवन में सुख समृद्धि के द्वार खुल जाएंगे तो कमेंट बॉक्स में लिखें जय माता दी माता रानी
आपकी झोली खुशियों से भर दें मा

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