महानवमी किस दिन मनाई जाएगी सभी
जानकारियां आपको इस वीडियो में प्राप्त हो
जाएंगी तो वीडियो को अंत तक जरूर देख
लीजिएगा
दोस्तों चैत्र नवरात्रि देखिए हम जैसा सभी
जानते हैं कि हमारे हिंदू धर्म में चार
नवरात्र होते हैं दो प्रकट और दो गुप्त तो
दो जो प्रकट नवरात्र होते हैं पहला तो
देखिए चैत्र नवरात्र होता है और दूसरा
होता है शारदीय नवरात्र जो अक्टूबर नवंबर
में आता है चैत्र नवरात्र से ही चैत्र माह
से ही देखिए हमारा जो हिंदू नववर्ष है वह
शुरू होता है तो बहुत ही पवित्र महीना है
यह चैत्र देखिए शुक्ल प्रतिपदा से चैत्र
नवरात्रि शुरू होते हैं और धार्मिक दृष्टि
से पूरे माह का बहुत महत्व है बेसब्री से
लोग इस तिथि का इंतजार करते हैं क्योंकि
चैत्र नवरात्रि को हम बड़े उल्लास के साथ
मनाते हैं माता रानी का देखिए आगमन होता
है ऐसा बताया जाता है शास्त्रों में कि
धरती पर पधार है मां दुर्गा तो उनके
स्वागत की तैयारियां हम पहले से कर लेते
हैं और मां की नौ दिनों तक हम पूजा आराधना
में रहते हैं देखिए कई लोग चैत्र
नवरात्रों में में पूरे नौ दिनों का व्रत
रखते हैं कई लोग पहला और आखिरी व्रत रखते
हैं कई लोग सिर्फ कन्या पूजन और महाष्टमी
का व्रत करते हैं तो कई प्रकार से देखिए
नवरात्रों का व्रत किए जाते हैं तो सबसे
पहले तो जान लेते हैं कि चैत्र नवरात्रि
की जो डेट्स है उसको लेकर कोई केनन फ्यूजन
तो नहीं है तो सबसे पहले जानते हैं कि कलश
स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या होगा और जो
प्रतिपदा की तिथि है वह कब प्रारंभ होकर
कब समाप्त होगी और कितने दिनों के
नवरात्रि हैं तो देखिए चैत्र नवरात्रि
शुरू हो रहे हैं साल 2025 में 30 मार्च से
अब देखिए ऐसे में तिथि जान लीजिए पहले कीन
इफ्यूजन यह है कि कहीं 29 को तो नहीं
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ
मुहूर्त मिलेगा कि नहीं मिलेगा 30 मार्च
को मिलेगा क्योंकि तिथि देखिए प्रतिपदा की
प्रारंभ हो रही है शाम में 29 मार्च को
शाम में 427 पर और प्रतिपदा की तिथि
समाप्त होगी 30 मार्च को दोपहर में
1249 मिनट पर 30 तारीख को ही रविवार का
दिन है हम घट स्थापना करेंगे घट स्थापना
का शुभ मुहूर्त यहीं पर नोट कर लीजिए
चैत्र नवरात्रों में घट स्थापना का शुभ
मुहूर्त 30 मार्च को सुबह
6:1 से सुबह के
10:2 तक है बहुत ही अच्छी समय अवधि 4 घंटे
8 मिनट की समय अवधि है तो इस समय अवधि में
आप घट स्थापना कर सकते हैं अब कई लोग घट
स्थापना अभिजीत मुहूर्त में करते हैं तो
अभिजीत मुहूर्त नोट कर लीजिए दोपहर में
देखिए मिलता है
12:1 से 12 ब 50 मिट लगभग 50 मिनट की यह
समयावधि है तो यह दो शुभ मुहूर्त हैं घट
स्थापना की नोट कर लीजिए किस दिन मां की
किस स्वरूप की पूजा आराधना करेंगे आप जैसा
मैंने बताया 30 मार्च को प्रतिपदा की तिथि
है तो घट स्थापना 30 मार्च को होगी मां
शैलपुत्री स्वरूप की पूजा आराधना 30 मार्च
को करेंगे रविवार का दिन है यह नवरात्रि
का दूसरा दिन 31 मार्च को है आज के दिन
माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा करते
हैं सिन्हा दूज मनाई जाती है आज के दिन
में आज ही के दिन में देखिए मां चंद्रघंटा
की भी पूजा आराधना हो जाएगी तो एक दिन में
दो माताओं की पूजा आराधना इस बार हो रही
है नवरात्रि का तीसरा दिन देखिए मां
कुशमांडा स्वरूप की पूजा यह चतुर्थ
नवरात्रि हो जाएगा तो आज माता के चतुर्थ
स्वरूप की हम तीसरे दिन पूजा करेंगे आज ही
के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी
नवरात्रि का चौथा दिन होगा लक्ष्मी पंचमी
का स्कंद माता स्वरूप की पूजा करते हैं
नाग पूजा भी आज के दिन की जाती है कई
क्षेत्रों में दोस्तों नवरात्रि का पांचवा
दिन जो होगा 3 अप्रैल का आज के दिन स्कंध
षष्ठी मनाई जाएगी यमुनाष्टक
त्यायकना
हम करेंगे नवरात्रि का छठा दिन देखिए
सप्तमी तिथि महा सप्तमी है कल रात्रि माता
के स्वरूप की पूजा आराधना करेंगे नवरात्रि
के सातवें दिन मां के अष्टमी महागौरी
स्वरूप की दुर्गा अष्टमी हम मनाएंगे और
महागौरी स्वरूप की पूजा करेंगे आज के दिन
है देखिए संधि पूजा की जाएगी अन्नपूर्णा
अष्टमी भी आज ही के दिन को हम कहते हैं
नवरात्रि का आठवां दिन 6 अप्रैल का होगा
आज के दिन राम नवमी मनाई जाती है चैत्र
नवरात्रों के नवमी तिथि में देखिए राम
नवमी मनाई जाती है आज ही के दिन श्री
रामचंद्र जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है
तो रामनवमी मनाई जाएगी और नवरात्रि का जो
नौवा दिन होगा आज ही के दिन नवरात्रि व्रत
का पारण हो जाएगा दशमी हो
जाएगी तो इस बार के चैत्र नवरात्रि मैंने
इसलिए सभी तिथि और माताओं के स्वरूप की
पूजा आराधना का दिन बताया है क्योंकि इस
बार की नवरात्रि 10 दिनों की नहीं नौ
दिनों की ही है मतलब आठ दिनों में आपको
नवमी जो कन्या पूजन और हवन है कर लेना है
क्योंकि तृतीय तिथि जो है वह द्वितीय तिथि
के साथ ही बीतेगी मतलब कि आपको मां के
ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा और मां के
चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा नवरात्रि के
दूसरे दिन ही कर लेना है तो इस प्रकार से
देखिए यह सभी जो तिथियां हो गई नवरात्रि
पूजन की और मां के सभी स्वरूपों की पूजा
आपको आराधना किस प्रकार से करनी है मैंने
बता दिया नवरात्रि में देखिए इन चैत्र
नवरात्रों में आप चाहे पूरे नौ दिनों के
उपवास में रहे और अगर आप चाहते हैं अखंड
जोत लगाना या माता के मंत्रों का जाप करना
या श्री दुर्गा चालीसा श्री दुर्गा
सप्तशती का पाठ करना आप जैसा चाहे वैसा
संकल्प ले सकते हैं इस बार के चैत्र
नवरात्रों में जो लोग पहली बार करना चाहते
हैं वह भी व्रत कर सकते हैं शुरू
नवरात्रों में यहां पर आपको प्रथम दिवस की
पूजा के लिए संक्षिप्त से मैं बता दूं कि
अगर आप घट स्थापना करते हैं तो आपको आज के
दिन के लिए क्या-क्या चाहिए गंगा जल चाहिए
मिट्टी के बर्तन और कलश चाहिए आम या अशोक
के पत्ते चाहिए फूल फल चाहिए मिठाई चाहिए
पंचामृत आपको चाहिए रुई की बायां आप रख ले
ज्यादा करके आप कुछ सिक्के रख ले लाल
कपड़ा आपको चाहिए बिछाने के लिए पाटे पर
और माता को पहनाने के लिए लाल चुनरी चाहिए
शहद इत्र घी गुड़ धूप कपूर नारियल चाहिए
आपको कलश के लिए माता को अर्पित करने के
लिए अलग से नारियल चाहिए अखंड ज्योत के
लिए आप चाहे तो मिट्टी का दीपक बना सकते
हैं या अखंड ज्योत पीतल का है तो आप वह
लगा सकते हैं कलावा रख ले सुपारी रखें लाल
सिंदूर जरूर रखें और किसी भी पवित्र स्थान
की मिट्टी आपको रखनी चाहिए ज्वारे बोने के
लिए चैत्र नवरात्रों के कुछ नियम मैं आपको
संक्षिप्त से बता दूं आपको चैत्र
नवरात्रों में अगर आप व्रत में हैं तब भी
और व्रत में नहीं है तब भी काले रंग के
वस्त्र नहीं पहनने चाहिए किसी भी प्रकार
का नशा नहीं करना चाहिए आपको भोजन में
सात्त्विक भोजन ही करना चाहिए चाहिए नाखून
बाल दाढ़ी इत्यादि नहीं कटवाने चाहिए भोजन
में अगर आप व्रत में है तो आपको सेधा नमक
खाना चाहिए सादे नमक का प्रयोग नहीं करना
चाहिए घी का ही सेवन करना चाहिए शुद्धता
सात्विकता और ब्रह्मचर्य का पालन शुरू
करना चाहिए तो इस प्रकार से यह कुछ नियम
सावधानियां हैं जो अगर आप व्रत में है
रखते हैं आपके परिवार में तो आपको अपनाने
चाहिए तो चैत्र नवरात्रि पर बहुत सारे
वीडियो में आप के साथ शेयर करूंगा और
वीडियो को भी देखिए यह वीडियो अगर पसंद
आया हो तो लाइक कीजिएगा शेयर आगे ज्यादा
से ज्यादा लोगों तक कर दीजिए ताकि वह भी
अगर डेट्स को लेकर किसी भी प्रकार की कीनन
फ्यूजन में है तो उन तक भी सही जानकारी
पहुंच सके वीडियो देखने के लिए बहुत बहुत
शुक्रिया जय माता दी