Kanya pujan कन्याओं को खाने में ये चीज खिलाने से मां दुर्गा होती है क्रोधित घर होता है बर्बाद 2025

Kanya pujan कन्याओं को खाने में ये चीज खिलाने से मां दुर्गा होती है क्रोधित घर होता है बर्बाद 2025

जय माता दी नवरात्रि कन्याओं को समर्पित
है कन्या पूजन करने से हमारे अगले पिछले
पाप राहुल दोष पितृ दोष काल सर्प दोष
गरीबी का दोष और हमारी समस्त पीड़ा दूर

होती है दुख दर्द दूर होते हैं हर कष्ट
दूर होते हैं गृह क्लेश हमारे जीवन से
हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं पितृ दोष
मनुष्य के ऊपर एक बार लग जाए तो वह घर
नष्ट हो जाता है मृत्यु घर में होती रहती
है तो पितृदष भी यहां पर दूर हो जाता है
हृदय को सुकून मिलता है घर में खुशियां

आती है तथा अकाल मृत्यु घर में कभी नहीं
होती कन्या पूजन को गरीब से गरीब व्यक्ति
को भी अवश्य करना चाहिए दोस्तों देखिए
चैत्र नवरात्रि 2025 में इस बार 30 मार्च
दिन रविवार से लेकर 6 अप्रैल तक चलेंगे
कन्या पूजन 2025 में चैत्र नवरात्रि में
कब करना है आइए अब वह भी आपको बता देते
हैं आपको बता दें 4 अप्रैल दिन शुक्रवार

को सप्तमी तिथि मनाई जाएगी कई लोग सप्तमी
में भी कन्या पूजन करते हैं और चैत्र
नवरात्रि की अष्टमी 5 अप्रैल दिन शनिवार
को मनाई जाएगी और जबकि राम नवमी या नवमी 6
अप्रैल को है आप चाहे तो अष्टमी और नवमी

इन दोनों तिथियों में कन्या पूजन कर सकते
हैं सर्वश्रेष्ठ और उत्तम होता है ऐसे में
आप अष्टमी और नवमी में इन दोनों समय में
कन्या पूजन हर हाल में अवश्य ही कर देना
शास्त्रों में 9 दिनों के नवरात्रि को
बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है और
वहीं 8 दिनों के नवरात्रि को अच्छा नहीं
माना जाता ऐसे में 10 दिनों के नवरात्रि

बहुत ही शुभ माने गए हैं शास्त्रों के
अनुसार नवरात्रि के दिनों में माता रानी
का पूजन करने से कन्या पूजन करने से मां
अभय वरदान प्रदान करती हैं कुंडली में जो
कष्ट होते हैं उन्हें ठीक कर देती है
श्रीधर की तरह ही सच्चे हृदय वाले व्यक्ति
के सभी कष्टों का निवारण मां शीघ्र ही
करती है मां की उपासना से विनम्रता का
विकास होता है सभी कष्ट दरिद्रता दुख कष्ट
नष्ट हो जाते हैं नवरात्रि में माता रानी

का व्रत और पूजन किया जाता है लेकिन
नवरात्रि के दौरान सबसे ज्यादा महत्व होता
है कन्या पूजन का दोस्तों कन्या रानी जो
होती हैं फूल की पंखुड़ियों की तरह नाजुक
होती हैं कन्या पूजन सर्वोप्रिय है
श्रेष्ठ है कन्या के रूप में स्वयं जगदंबा
देवी माता वैष्णो नौ देवियां अर्थात समस्त
ब्रह्मांड इनके शरीर के कण-कण में वास
करते हैं बहुत कम लोग जानते हैं 33 कोटि

देवी देवताओं का वास होता है कन्याओं के
मस्तक पर कन्या चाहे छोटी हो चाहे बड़ी हो
वह सदैव पूजनीय है मां के समान मानी जाती
है दोस्तों माना जाता है व्रत और उपासना
से माता रानी इतना प्रसन्न नहीं होती है
जितना कि कन्या पूजन से होती है नवरात्रि
में छोटी-छोटी कन्याओं को माता रानी का
स्वरूप माना जाता है कन्याओं को भोग लगाया
जाता है उन्हें प्रसन्न किया जाता है और
बदले में आशीर्वाद मांगा जाता है कन्याओं
को प्रसन्न करने के लिए गिफ्ट आदि उपहार
वगैरह दिए जाते हैं माना जाता है अगर
कन्याओं को कोई भेंट दी जाए और वह उसे

खुशी-खुशी स्वीकार कर ले तो इसका मतलब है
माता रानी अर्थात माता वैष्णव ने वह भेंट
स्वीकार कर ली जिन पर कन्याएं प्रसन्न
होती हैं तो समझो उन्हें माता रानी का
आशीर्वाद मिल गया और माता रानी की कृपा से
उन्हें मुंह मांगा वरदान प्राप्त होता है
कन्या पूजन कोई मामूली पूजन नहीं होता
समस्त ब्रह्मांड में जो पूजा होती है उनसे
बढ़कर कन्या पूजन को माना जाता है 10 बार
गंगा स्नान करने से और 100 बार यज्ञ करने
से तथा हजार बार यात्रा करने से जो पुण्य
मिलता है वह मात्र एक बार कन्या पूजन करने
से करोड़ों गुना भक्त को मिल जाता है
प्राप्त हो जाता है दोस्तों इसीलिए कहा
जाता है कि कन्याओं को सताना नहीं चाहिए
इससे समस्त ब्रह्मांड हिल जाता है कन्याओं
की जितनी सेवा की जाए कम ही होती है

कन्याएं कोई मामूली नहीं होती कन्या के
रूप में स्वयं उनके मस्तक पर विराजमान
होकर स्वयं देवी चलकर आपके घर तक आती हैं
नवरात्रि में 2 साल से लेकर 10 साल तक की
कन्या का पूजन होना चाहिए अष्टमी अथवा
नवमी को कन्याओं के पैर धोकर भोजन कराना
उपहार आदि देना श्रेष्ठ माना जाता है
दुर्लभ माना जाता है ऐसा मौका कभी हाथों
से नहीं जाने देना चाहिए इस दिन जितना
ज्यादा हो सके कन्याओं को हाथ पकड़कर पैर
पकड़कर अपने घर तक लेकर आं दोस्तों वीडियो
में आगे बढ़ने से पहले आप अपनी राशि भी
कमेंट बॉक्स में जरूर डाल दीजिएगा यदि
हमारे पास कोई उपाय होगा तो वह आकर हम
आपके कमेंट के रिप्लाई में बता देंगे कोई

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