31 मार्च का दिन खास है, क्योंकि इस दिन मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा एक साथ की जाएगी। यह दिन नवरात्रि के उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नवरात्रि में, श्रद्धालु देवी मां की आराधना करते हैं और अपने मनोकामनाओं के लिए व्रत रखते हैं। इस पूजा में विशेष ध्यान और भक्ति से मां का स्मरण करते हुए भक्तजन व्रति की अनुसरण करते हैं। इसके अलावा, 6 अप्रैल को कन्या पूजन का आयोजन भी होगा, जिसके साथ ही नवरात्रि का पर्व समाप्त होगा।
30 मार्च को घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:13 से 10:22 तक रहेगा। यह समय विशेष रूप से पूजा के लिए शुभ माना गया है। भक्तजन इस समय मां दुर्गा के लिए कलश की स्थापना करेंगे, जो पूरे नवरात्रि के दौरान उनकी कृपा प्राप्त करने का एक साधन है। यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए श्रद्धालुओं को इसे मिस नहीं करना चाहिए। घट स्थापना के साथ ही नवरात्रि का उत्सव शुरू होता है, जिसमें देवी मां के विभिन्न रूपों की आराधना की जाती है।
नवरात्रि के दौरान यह जानना जरूरी है कि कौन-कौन सी सब्जियां खानी चाहिए और कौन-कौन सी नहीं खानी चाहिए। आमतौर पर, आलू, कच्चा केला, और शकरकंद जैसी सब्जियां व्रत के दौरान खाई जाती हैं। वहीं, प्याज, लहसुन और दोमामे को नवरात्रि में नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा, व्रत के दौरान फल भी विशेष महत्व रखते हैं। कुछ फल जैसे कि सेब, संतरा, और चीकू का सेवन शुभ माना जाता है।
नवरात्रि में व्रत रखने की प्रक्रिया के दौरान, कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। जैसे, ताजगी वाली सब्जियां और फल का प्रयोग करें, और सादा भोजन करें। मूंगफली, कच्चा आम और दही का खास ध्यान रखें। दूध और पानी का सेवन करना भी बहुत फायदेमंद होता है। यह सब चीजें न केवल आपकी सेहत के लिए अच्छी होती हैं, बल्कि आपके व्रत को भी मजबूती प्रदान करती हैं।
बीच में रहकर हम अपनी राशियों का ध्यान रखना चाहते हैं। यदि आप अपनी राशि के अनुसार कोई उपाय चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में अपनी राशि जरूर बताएं। हमने देखा है कि राशि के अनुसार विशेष पूजा करने से देवी मां की कृपा अधिक प्राप्त होती है। आप सभी लोग कमेंट में लिखें कि माता रानी आपके घर में स्वागत है। ऐसा करने से आप अपनी भक्ति को और भी मजबूत कर सकते हैं, और आपकी मनोकामनाएँ पूरी हो सकती हैं।